हमारा मन दो प्रकार का होता है एक है Conscious mind यानि कि जागृत मन और दूसरा है Subconscious mind यानि कि अर्धजागृत मन
जागृत मन जो कि एक मालिक कि तरह है उसकी शक्ति है 10 % जबकि अर्धजागृत मन जो कि एक नौकर कि तरह है उसकी शक्ति है 90 %
मालिक का काम है डिमांड करना और नौकर का काम है सप्लाई करना। परन्तु मन के बारे में हमारी अज्ञानता वश हम अपने अर्धजागृत मन को सही आदेश ही नहीं दे पाते। जागृत मन अल्लादीन है और जब वह चिराग घिसता है तो उसमे से जिन्न प्रकट होता है जो हर इच्छा को पूरा करता है ये होता है अर्धजागृत मन। जागृत मन तभी काम करता है जब हम जग रहे होते है जबकि अर्धजागृत मन दिन रात काम करता है।

जागृत मन तार्किक है जबकि अर्धजागृत मन अतार्किक। जागृत मन analytical होता है जबकि अर्धजागृत मन creative।
जागृत मन कि शक्ति limited है जबकि अर्धजागृत मन कि शक्ति unlimited है। लक्ष्य निर्धारण का काम जागृत मन करता है पर उसे पूरा करने का काम अर्धजागृत मन करता है। मन कि इस विशेषता को हम अच्छे से समझ ले तो ऐसा कुछ भी नहीं है जो हम मांगे और वो न मिले क्योंकि जागृत मन सिर्फ मानवीय है जबकि अर्धजागृत मन दैवीय मन यानि कि परमात्मा का रूप है।
कहते है “WHAT EVER YOUR MIND CAN CONCIEVE YOU CAN ACHIEVE “
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