एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति जिसका वजन लगभग 60 किलोग्राम है उसके शरीर की देखभाल और स्वस्थता की लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान शरीर के प्रमुख VITAL ORGANS जिनका कि कुल वजन लगभग 3 से 4 किलोग्राम है के बारे में इतना ज्यादा चिंतित और उतावला है कि इसने मानव शरीर के MUSCULO -SKELETAL अंगो जिनका की शरीर में वजन लगभग 35 – 40 किलोग्राम होता है कि तरफ बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया। यानि कि शरीर की हलचल। जी हाँ यदि हम अपना दिमाग,दिल ,फेफड़े ,जिगर, अमाशय एवं सम्बंधित अंग ,गुर्दे एवं सम्बंधित अंग आदि को पूर्णतया स्वस्थ रखना चाहते हैं तो हमें शारीरिक अभ्यास पर ध्यान देना होगा। मानव शरीर उपरोक्त वर्णित सभी अंगो की वजह से ही शारीरिक बिमारियों का घर है एवं यदा कदा मानसिक अवसाद भी मानव को पीड़ित करता है।
यदि हम इन अंगो को स्वस्थ रखना चाहें अर्थात सदैव निरोग रहना चाहें तो शरीर की निष्क्रियता को क्रिया शीलता में परिवर्तित करना अति आवश्यक है। शरीर की हलचल या चहल -पहल आवश्यक है।
अब यदि कोई पुरुष या स्त्री यदि यह कहते है की मैं अपने कारोबार या घरेलु कामकाज के लिए सारा दिन भागदौड़ करते हैं तो एक बात ध्यान कीजिये कि हमारे शरीर कि कोशिकाएं इतनी समझदार है कि वो ये समझती है कि ये कार्य दुनियादारी के लिए किये जा रहे हैं या स्वयं के लिए।
सामान्य रूप से लगभग 95 % लोग सैर नहीं करते हैं और जो 5 % करते हैं वो भी जब रोग ग्रस्त हो जाते हैं तभी करते हैं।
सैर लगभग 45 मिनट की रोज होनी चाहिए और सुबह सवेरे की जाए तो सोने पे सुहागा।
इसके बाद योग अभ्यास और प्राणायाम भी यदि समय है तो 45 मिनट का होना ही चाहिए।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने बेहतर दवाईओं के साथ हमारे जीवन के वर्ष जरूर बढ़ा दिए है परन्तु जीवन की गुणवत्ता नहीं बढ़ा पाया है।
हमें खुद ही यह प्रयास करना होगा क्योकि इस शरीर के प्रति किसी से भी पहले हमारी स्वयं की जिम्मेदारी बनती है।
खुश रहें स्वस्थ रहें मस्त रहें
डॉ विनय सेठी